शतावरी एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे आमतौर पर शतावर के नाम से जाना जाता है। अन्य भाषा, जैसे संस्कृत में इसे शतमूली और अंग्रेजी में एस्पेरेगस के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्पेरेगस रेसिमोसस है। शतावरी के गुण में कई ऐसे फायदे मौजूद होते हैं, जो हमारी दिनचर्या को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
सेक्स पावर बढ़ाने में काफी फायदेमंद
फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों से भी मिलती है मुक्ति
प्रैग्नेंसी में काफी फायदा देती है
वजन घटाने में भी मदद मिलती है
शुगर को आयुर्वेदिक इलाज देती है
स्किन और माइग्रेन को दूर करने में भी माहिर
नींद न आने की परेशानी भी इससे दूर होती है।
बुखार इससे दूर होता है और खांसी में भी लाभकारी
वजन घटाने के लिए
वजन घटाने के लिए फाइबर युक्त और कम कौलोरी वाली डाइट ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। यहां शतावरी आपकी मदद कर सकती है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है इसके अलावा, शतावरी फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो मोटापा घटाने में सबसे कारगर पोषक तत्व माना जाता है।
कैंसर में सहायक
शतावरी के फायदे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार,शतावरी में सल्फोराफेन नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो किमो प्रिवेन्टिव (कैंसर रोधी) गुण से समृद्ध होता है। शतावरी में सल्फोराफेन की मौजूदगी कैंसर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में मददगार
गर्भावस्था के दौरान भी शतावरी का प्रयोग किया जा सकता है। यह फोलेट से समृद्ध होता है, जो गर्भवती महिलाओं के शरीर में फोलेट की पूर्ति का काम कर सकता है। फोलेट एक जरूरी पोषक तत्व है, जो गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, कि इसके प्रतिदिन सेवन की मात्रा 5 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
मधुमेह में उपयोगी
शतावरी के स्वास्थ्य संबंधी फायदे मधुमेह में भी देखने को मिल सकते हैं। एक एंटीडायबीटिक के रूप में शतावरी का प्रयोग लंबे समय से किया जा रहा है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि शतावरी एंटी हाइपर ग्लाइसेमिक (खून में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने की क्रिया) क्रिया को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे मधुमेह के खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है।
माइग्रेन में
शतावरी के फायदे माइग्रेन में भी देखे जा सकते हैं। शोध के अनुसार, शतावरी में मौजूद राइबोफ्लेविन नामक विटामिन की रोजाना ली गई 400 मिलीग्राम मात्रा माइग्रेन की समस्या से निजात दिलाने का काम कर सकती है।
यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) में
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या में भी शतावरी के फायदे आराम पहुंचा सकते हैं। शतावरी में विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि विटामिन ए यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में प्रभावी असर दिखा सकता है।
ह्रदय स्वास्थ्य में लाभदायक
शतावरी के विशेष गुणों के कारण हृदय स्वास्थ्य में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार शतावरी के अंदर मौजूद बायोएक्टिव गुण ह््रदय रोग के विरुद्ध लड़ने का काम कर सकते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता के लिए
प्रतिरोधक क्षमता के लिए शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, शतावरी में मौजूद विटामिन और मिनरल प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। शतावरी में मौजूद विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई शरीर से जुड़े संक्रमण पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं।
पाचन के लिए
स्वस्थ रहने के लिए पाचन क्रिया का ठीक रहना बहुत जरूरी है और शतावरी के उपयोग से इसमें लाभ देखे जा सकते हैं। यह फाइबर से समृद्ध होती है और फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलने में मदद करने का काम कर सकता है
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि शतावरी में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कैल्शियम हड्डियों के निर्माण, हड्डियों के विकास और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव का काम करता है
खांसी और बुखार में
खांसी और बुखार में शतावरी का उपयोग करने से शरीर में विटामिन सी की पूर्ति होती है। विटामिन सी प्रोफिलैक्टिक (रोग-निरोधी) गुण से समृद्ध होता है, जो सर्दी और बुखार जैसी समस्या में राहत पहुंचाता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य में
मस्तिष्क स्वास्थ्य में भी शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, शतावरी में मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-3, विटामिन बी-6 और राइबोफ्लेविन मस्तिष्क स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इनके प्रयोग से डिप्रेशन जैसी समस्या में सुधार देखा गया है। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, विटामिन बी-6 के सेवन से मस्तिष्क विकास में और प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलती है
टीबी रोग में सहायक
टीबी रोग में भी शतावरी के फायदे लाभ पहुंचा सकते हैं। एक शोध में कुछ ऐसे पौधों पर अध्ययन किया गया है, जिसके फायदे टीबी रोग में देखे जा सकते हैं, जिनमें शतावरी भी शामिल है। इसके अलावा एक अध्ययन के मुताबिक, शतावरी में मौजूद विटामिन-बी, थायमिन,और विटामिन-सी टीबी के इलाज में और इसके खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं
त्वचा और बाल के लिए उपयोगी
शतावरी के गुण में बालों और त्वचा की खूबसूरती का राज छिपा है। शतावरी में मौजूद पोषक तत्वों से बालों के विकास में मदद मिल सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, बालों के विकास में जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और ये सभी तत्व शतावरी में पाए जाते हैं।
इसके अलावा, विटामिन सी और विटामिन ई त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने का काम कर सकते है।
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