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सफ़ेद मूसली। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते हैं। वैसे तो सफ़ेद मूसली के फ़ायदे अनेक हैं, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिन, कैल्शियम, पोटैशियम व मैग्नीशियम जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद हैं। जिस कारण यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद है। लेकिन इसका सबसे बड़ा योगदान पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने में और नपुंसकता का इलाज करने में किया जाता है।
इसके अलावा भी सफेद मूसली के कई लाभ हैंः
शरीर में ऊर्जा व रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है
अगर आपको हमेशा सर्दी-ज़ुकाम हो या आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, तो सफ़ेद मूसली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके सेवन से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह संक्रमण से आपका बचाव करेगी।
वज़न बढ़ाने में मददगार
मूसली से शारीरिक शक्ति तो बढ़ती ही है, साथ ही इससे वज़न भी बढ़ता है। अगर कोई अपना वज़न बढ़ाना चाहता है, तो वो मूसली का सेवन कर सकता है। मूसली में मौजूद पोषक तत्व कुपोषण से पीड़ित शरीर को पोषण प्रदान कर वज़न बढ़ने में मददगार साबित होते हैं।
जोड़ों के दर्द और अर्थराइटिस में फायदेमंद
बढ़ती उम्र के साथ लोगों में हड्डियों और जोड़ों की शिकायत भी बढ़ने लगती है। ऐसे में सफ़ेद मूसली के सेवन से अर्थराइटिस, जोड़ों और हड्डियों के दर्द में कुछ हद तक आराम मिल सकता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट व विटामिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर और हड्डियों के लिए ज़रूरी होते हैं।
गर्भावस्था में
प्रेग्नेंसी में सफ़ेद मूसली का सेवन करने से महिला और होने वाला शिशु स्वस्थ रहता है। सिर्फ़ गर्भावस्था के दौरान ही नहीं, बल्कि डिलीवरी के बाद भी मां मूसली का सेवन करें तो दूध की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होता है।
गर्भावस्था में सफ़ेद मूसली का प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ज़रूर कर ले लें।
मधुमेह
मधुमेह से पीड़ित मरीजों के लिए भी अच्छी औषधि है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीहाइपरग्लिसिमिक (ंदजपीलचमतहसलबमउपब) और एंटीडाइबिटिक गुण होते हैं और ये सभी गुण मधुमेह के मरीज़ के उपचार में काम आते हैं। यहां तक कि यह एलोपैथिक दवा गिलबेक्लामाइड (ळसपइमदबसंउपकम) से भी ज्यादा फ़ायदेमंद है।
तनाव को कम करता है
मूसली का सेवन करने से तनाव भी कम होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व काफ़ी हद तक तनाव को दूर कर मानसिक तौर पर स्वस्थ रखते हैं।
नपुंसकता में
सफ़ेद मूसली से वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है और नपुंसकता जैसी बीमारी से भी काफ़ी हद तक छुटकारा मिलता है। कई बार मधुमेह या अन्य किसी बीमारी के वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (इसमें संभोग के दौरान लिंग उत्तेजित नहीं होता) की आशंका होती है, ऐसे में मूसली के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है। इसका प्रभाव स्पर्म काउंट यानी शुक्राणुओं पर भी होता है, जिससे यौन शक्ति बढ़ती है। शीघ्रपतन में भी इसका उपयोग किया जाता है।
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